मैं इंडिया से (महाराष्ट्र) के औरंगाबाद जिल्हा तालुका सोयगाव (ब्लाक) मे काम करती हुं मेरे काम करते समय महीला ओ या बच्चीयां के साथ ज्यादा टाईम काम करती हुं तो ऐसा एक सवाल सामने आया है की जब लोक छे महिने के लिये काम के लिये बाहर जाते है (मायर्गेशन) गन्ने के काम के लिये तो उनकी बेटियां भी साथ में जाती है .तो उनकी बेटियां को वहां काम करते समय वहां के लोग जो ठेकेदार हो या बाकी के सब पुरुष ये कम उमरवाली बेटियां के साथ लैंगिक संबंध की मांग करते है. और जोर जबरदस्ती भी करते है. तो ऐंसी बच्चीयां के साथ मैनै मुलाखत ली और उनका कहना है की ये बात तुम किसीको मत बताना क्योकी हमारे जिने का सवाल है . हमे बाद मे काम नहीं मिलता तो हमारे मां बाप हमे डाटेगें तो हम कहीके नहीं रहगें ऐसा उनका कहना है .तो हम उसीके साथ अब काम करना शूरू किया है ऐसे पिडीत महिला और बेटीयां (२२) है उनके साथ अभी चर्चा हो गई है.सभी की एक अलग अलग स्टोरी है . मुझे बहुत ही दु:ख हुआ की अभी भी हमे वस्तू के रूप में देखते .हम हमारे मन के विरुद्ध कितनी बाते करते है ओ हमे पसंद नहीं होती. 16डेज के अभ्यास मे ये सच्च सामने आया है.